आपने डिलीवरी के लिए बाइक और स्कूटर तो देखे होंगे, पर क्या आपने सोचा है कि रोज़ाना डिलीवरी करने वाले व्हीकल्स से कितना प्रदूषण होता है? पर एक कंपनी ने इसका बेहतरीन समाधान निकाला है – Zypp Electric! आज हम आपको इस कंपनी की कहानी बताएंगे, जिसने न सिर्फ लॉजिस्टिक्स को आसान बनाया, बल्कि पर्यावरण को भी बचाने का काम किया है।
Zypp Electric
Zypp Electric एक गुरुग्राम की कंपनी है, जो डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल करती है। इसकी शुरुआत 2017 में हुई थी। कंपनी का मकसद है कार्बन एमिशन को कम करना और डिलीवरी को इको-फ्रेंडली बनाना। 2017 में लॉन्च हुई इस कंपनी का मोटो है ‘Go Electric, Go Green’
आकाश गुप्ता और रश्मि अग्रवाल ने इस कंपनी की शुरुआत इसलिए की क्योंकि वो चाहते थे कि डिलीवरी सिस्टम किफायती होने के साथ-साथ पर्यावरण को नुकसान भी न पहुंचाए।
भारत में डिलीवरी का काम तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही प्रदूषण भी बढ़ रहा था। पेट्रोल और डीज़ल व्हीकल्स से CO2 का भारी एमिशन होता है। Zypp Electric ने इस समस्या को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से हल किया, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद और किफायती हैं।
Zypp Electric कैसे काम करता है?
- इलेक्ट्रिक स्कूटर: ये स्कूटर एक बार चार्ज होकर 120-150 किलोमीटर चलते हैं।
- स्मार्ट ट्रैकिंग: स्कूटर्स में लगे IoT डिवाइस से लोकेशन और परफॉर्मेंस ट्रैक की जाती है।
- सस्ता सब्सक्रिप्शन: डिलीवरी करने वालों के लिए किफायती प्लान्स दिए जाते हैं।
- चार्जिंग नेटवर्क: Zypp ने अपने चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं, जिससे चार्ज करना आसान हो जाता है।
आज Zypp के पास 10,000 से ज़्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं। Flipkart, Zomato, और BigBasket जैसी बड़ी कंपनियां इनके साथ काम करती हैं। Zypp ने 2,000 से ज़्यादा लोगों को रोजगार भी दिया है। Zypp ने अब तक 2,000 मीट्रिक टन CO2 एमिशन कम किया है। ये उतना ही है जितना 1 लाख पेड़ एक साल में कर सकते हैं। इनका लक्ष्य है 2025 तक अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या को दोगुना करना।
Zypp Electric सिखाता है कि एक छोटा आइडिया भी बड़े बदलाव ला सकता है। अगर आपका आइडिया पर्यावरण और समाज दोनों के लिए अच्छा है, तो आपको सफलता जरूर मिलेगी।
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