Zoho Founder Sridhar Vembu Success Story : सोचिए अगर आप छोटे शहर या किसी गांव के रहने वाले हों और पढ़ाई के बाद USA में आपकी शानदार पैकेज पर जॉब लग जाए तो क्या हो। ऐसे में आप और आपके परिवार के साथ-साथ आपके रिस्तेदार भी आपको बहुत लकी माने। लेकिन श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) अपने आप को काफी अलग मानते हैं। श्रीधर वेम्बू तमिलनाडु की एक मिडिल क्लास फैमिली में पले बढ़े। तमिल भाषा में प्राइमरी एजुकेशन पूरी करने के बाद आईआईटी मद्रास से 1989 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी किए और इसके बाद पीएचडी करने के लिए अमेरिका चले गए। अमेरिका में उनकी शानदार पैकेज पर जॉब भी लग गई थी। लेकिन वेम्बू सब कुछ छोड़कर भारत आ गए।
जब श्रीधर अमेरिका की अच्छी-खासी जॉब छोड़कर भारत आए तो उनके परिवार के साथ-साथ उनके रिस्तेदार भी हैरान रह गए। उन्होंने श्रीधर को खूब समझाया, लेकिन श्रीधर ने किसी की नहीं माने, श्रीधर वेम्बू ने सोच लिया था कि उन्हे क्या करना है। श्रीधर वेम्बू भारत में रहकर अपना बिजनस शुरू करने की सोची और कुछ समय बाद ही इन्होंने गांव में ही ऑफिस खोलकर अरबों डॉलर की कंपनी खड़ी कर दी। श्रीधर वेम्बू ने जोहो (Zoho) नाम की कंपनी शुरू किए, जो सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस सर्विस प्रोवाइड कराती है।
श्रीधर वेम्बू का एक ही सपना था कि उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू करनी है। साल 1996 में श्रीधर वेम्बू ने अपने भाई के साथ मिलकर एडवेंटनेट नाम से एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फर्म की शुरुआत किए इसके बाद साल 2009 में इस कंपनी का नाम बदलकर जोहो कॉरपोरेशन कर दिया गया। श्रीधर ने अपनी कंपनी के ऑफिस के लिए किसी मेट्रो सिटी के बजाय तमिलनाडु के तेनकासी जिले को चुना। उन्होंने यहां अपनी कंपनी का ऑफिस शुरू किया। सबसे खास बात यह है कि जोहो का ऑफिस बनने के चलते ही तेनकासी को जिले का दर्जा मिला। जोहो का रेवेन्यू साल 2022 में 1 अरब डॉलर यानी करीब 8,300 करोड़ रुपये को पार कर चुका था।
श्रीधर वेम्बू की साइकिल के साथ कई फोटोज हैं। जोहो कॉरपोरेशन के को-फाउंडर और सीईओ श्रीधर वेम्बू अभी भी साइकिल से ही आस पास जाया करते हैं।
1 thought on “Sridhar Vembu Success Story: गांव में बनाया ऑफिस, कंपनी की वैल्यू 8,000 करोड़ रुपये!”